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महाभारत के एक प्रसंग में कहा गया है
कि, मनुष्य को परिस्थितियों के
अनुरूप व्यवहार करना चाहिए। भारत के
वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
ने उक्त सूक्ति को चरितार्थ करते हुए
निसन्देह अपने कार्यकाल का परिपक्व
और ठोस शुरुवात की है। सर्वप्रथम देश के
कमान संभालने से पूर्व अपने
विवादित पडोसी पाकिस्तानी पीएम
नवाज सरीफ के साथ-साथ सभी सार्क
देशों को
शपथ ग्रहण में बुलाकर देश के अतिरिक्त
विश्व समुदाय को भी अचंभित कर
दिया। मंत्रिमंडल छोटा रखकर खाने
खिलाने की कुपरिविरती को रोक
तथा अपने
मंत्रियों को भाई भतीजावाद व्
वंशवाद से बचने के सख्त निर्देश
राष्ट्र के
समक्ष अनुपम राजनीतिक
शैली को रेखांकित करता है तथा इन
फैसलों से देश की
राजनीति पारदर्शी और लोकप्रिय बनेगी।
उधर लोकसभा में अपने पहले संसदीय
भाषण में नरेन्द्रमोदी ने
जता दिया वो देश की राजनीति में
लम्बी पारी
खेलने की क्षमता रखते हैं उनके भाषण से
स्पष्ट परिलक्षित
होता है राष्ट्र के लिए दूरदृष्टि रखते
हैं। नित बदनाम होती राजनीति और
देश के भविषय के लिए मोदी के शासन
संचालन शैली ने राष्ट्र के समक्ष आशा
का संचार किया है।
-नारायण कैरो,लोहरदगा
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