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किसी भी देश की जनता उस राष्ट्र के आत्मा समान होती है। जनता की सुरक्षा ही देश की सुरक्षा है,किंतु अपने भारत में लाशों के ढेर पर सत्ता चलाने की खूनी आदत राजनेताओ को हो गयी है। और ये दंगा कराकर ध्रुवीकरण नय नहीं है आजादी काल से नेताओ ने भारतीय जनमानस से यूं ही खूनी व्यहार किया है। पौष के लंबी-लंबी ठीठुरन भरी रातों मे मुजफरनगर दंगा राहत शिविरों में देश के भविष्य बच्चे मर रहे हैं,वहीं राज्य सपा के बाप -बेटे सरकार विदेशी डांसरों से मजा लूट रहे हैं। उ.प्र में पूरे साल भर दंगा हुये ,मुजफरनगर तो बानगी थी अखिलेश सरकार बर्खास्त अभ तक कर दिया जाना था,लेकिन यहां भी वोट बैं आड़े आगया! आखिर दंगों की जननी कांग्रेस को सपा का साथ जो चाहिये। दंगा फर आज जो सियासी राग बज रहा तो सिर्फ इसलिये क्योंकि राजनीतिक पार्टियाँ जनता को सिर्फ वोट बैंक मानती है।
-नारायण कैरो
०३ जनवरी २०१४
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